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पद्मश्री रामबहादुर राय
पद्मश्री रामबहादुर राय श्री गुरुगोविंद सिंह ट्राइसेंटेनरी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के कुलाधिपति हैं।
श्री रामबहादुर जी ने भारत के पुनर्निर्माण में बौद्धिक योगदान के लक्ष्य से पत्रकारिता की राह चुनी। इस क्षेत्र में आपको ४० साल से भी अधिक का अनुभव है। पत्रकारिता में आने से पहले अध्ययन के अलावा १५ साल तक आप छात्र राजनीति और आंदोलनों में सक्रिय रहे। श्री रामबहादुर जी ने बहुभाषी न्यूज़ एजेंसी ‘हिंदुस्तान समाचार’ में संवाददाता के रूप में पत्रकारिता की विधिवत् शुरुआत की। अपने पत्रकारीय जीवन के लंबे समय तक आपने ‘जनसत्ता’ और ‘नवभारत टाइम्स’ दैनिक समाचार पत्रों के अलावा ‘प्रथम प्रवक्ता’ और ‘यथावत’ हिंदी पाक्षिक में संपादन का दायित्व संभाला। आपने ‘जनसत्ता’ और ‘नवभारत टाइम्स’ के लिए लगातार १८ साल तक लोकसभा की रिपोर्टिंग की। श्री राय रामबहादुर जी ने राजनीतिक विश्लेषण, दल प्रणाली, चुनाव संहिता, राज्य व्यवस्था की पुनर्रचना और उत्तर-पूर्व राज्यों पर विशेष अध्ययन और लेखन कार्य किए। इसके अलावा आपने ‘हिन्दुस्तान समाचार’ और उसके प्रकाशनों के समूह संपादक का दायित्व भी संभाला। आपने ‘यथावत’ हिंदी पाक्षिक में ‘कहत कबीर‘ स्तंभ काफी समय तक लिखा। इससे पहले ‘अनायास’ और ‘जनसत्ता’ अख़बार में ‘पड़ताल‘ कॉलम नियमित रूप से लिखते रहे। आपने ‘राष्ट्रीय सहारा’ के हस्तक्षेप, ‘अमर उजाला’, ‘प्रभात खबर’, ‘राजस्थान पत्रिका’ और ‘बीबीसी’ के लिए भी लेखन कार्य किया।
श्री रामबहादुर जी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए. (अर्थशास्त्र) में पढ़ाई की। आप जेपी आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय रहे और मीसा (Maintenance of Internal Security Act) के तहत जेल गए। आपातकाल के दौरान भी आपको गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आप प्रभाष परम्परा न्यास के प्रबंध न्यासी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद् में राष्ट्रपति की ओर से आपको सदस्य मनोनीत किया गया। आप सर्वश्रेष्ठ सांसद चयन समिति तथा गाँधी–समाधि समिति, राजघाट (दिल्ली) के सदस्य हैं। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, मध्यप्रदेश के कला संकाय द्वारा आपको डी. लिट्. की मानद उपाधि प्रदान की गई। श्री रामबहादुर जी इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष भी हैं।
पुस्तकें
पद्मश्री रामबहादुर राय जी द्वारा लिखी और सम्पादित की गई कुछ महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है :
- पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की जीवनी– ‘मंजिल से ज्यादा सफर’ I
- पूर्व प्रधानमंत्री चंदशेखर के जरिये भारतीय राजनीति के ३० साल का आकलन करती पुस्तक – ‘रहबरी के सवाल’ I
- आचार्य जे. बी. कृपलानी की जीवनी – ‘शाश्वत विद्रोही राजनेता’ I
- पेड न्यूज़ पर ‘काली खबरों की कहानी’ पुस्तक का संपादन I
- ‘जनसत्ता’ के संस्थापक संपादक प्रभाष जोशी की जीवनी – ‘लोक का प्रभाष’ के संपादन में सहयोग I
- ‘हमारे बाला साहब देवरस’ पुस्तक का संपादन।
- ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय समग्र’ के पहले खंड में ‘वह कल’ और आखिरी खंड में ‘अवसान’ का लेखन।
- ‘भानुप्रताप शुक्ल – व्यक्तित्व और विचार’ का संपादन।
- लोकनायक जय प्रकाश नारायण की संक्षिप्त जीवनी।
- अनेक पुस्तकों में प्राक्कथन, जैसे- ‘यह संविधान – हमारा या अंग्रेजों का’, ‘नामवर सिंह – सफर ९० साल का’, ‘बेलाग लपेट’, ‘समय का सच’।
- विशेष लेख- ‘राष्ट्र की लोकाभिव्यक्ति में – संविधान पर औपनिवेशिक छाया’।
सम्मान
पत्रकारिता में उल्लेखनीय और सक्रिय भूमिका के लिए श्री रामबहादुर जी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है :
- भगवान दास जनजागरण पत्रकारिता पुरस्कार – १९९०
- हिंदी अकादमी, दिल्ली, पत्रकारिता पुरस्कार – १९९४-९५
- एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान सम्मान – २००९
- माधवराव सप्रे संग्रहालय स्मृति समाचार एवं शोध संस्थान द्वारा सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता के लिए पुरस्कार- २०१०
- विकल्प संस्था का पत्रकारिता सम्मान – २०१०
- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान – २०१३
- छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पंडित माधव राव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मक सम्मान – २०१४
- राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री सम्मान – २०१५
- हिंदी रत्न सम्मान – २०१९