20 वी सदी तक बधिर व्यक्तियों को उनकी भाषा न समझ पाने से लोग उन्हें पूर्व जन्मों का पाप समझते थे और उनके साथ वार्तालाप करने में असहजता महसूस करते थे क्योंकि उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सांकेतिक भाषा सामान्य लोगों को नहीं आती थी इसीलिए वे बधिर व्यक्तियों के साथ वार्तालाप करने में सहजता महसूस नहीं करते थे इससे बधिर व्यक्तियों की दिनचर्या बहुत ही कठिन हो जाती थी और वे समाज की मुख्यधारा से अपने आप को कटा हुआ समझते थे जैसे-जैसे समय परिवर्तित होता गया 21वीं सदी में आधुनिक तकनीकी का प्रयोग होने लगा और इन तकनीकों के प्रयोग से उनका जीवन सुगम होने लगा उनको आने वाली बाधायें कम हो गई और उनकी जीवनशैली आसान हो गई तथा इस प्रकार बहुत सारे उपाय सुझाए गए जो निम्नलिखित हैं।
आभासी वास्तविकता और वर्चुअल रियलिटी का उपयोग करके, भारतीय सांकेतिक भाषा को वास्तविकता में लाने के लिए इंटरैक्टिव अनुभव तैयार किया जा सकता है। इस तकनीकी कि सहायता से छात्रों को आत्मनिर्भरता से सांकेतिक भाषा का अभ्यास करने का अवसर मिलेगा।
भारतीय सांकेतिक भाषा सिखने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन्स और खेल तैयार किए जा सकते हैं। गेमिफिकेशन का उपयोग सीखने को बढ़ावा देने और रोमांचक बनाने के लिए किया जा सकता है। मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से हम लिखे हुए सब्द और वाक्य को सांकेतिक भाषा में अनुवाद करने में आसानी होती है, और गेमिंग के माध्यम से सांकेतिक भाषा सीखने में आसानी होती है । इसके आलावा बहुत सारी एप्लीकेशन है जिनसे सांकेतिक भाषा सीखने में मदद मिलती हैं।
इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग करके सांकेतिक भाषा को प्रोत्साहित किया जा सकता है, छोटे वीडियो, ट्यूटोरियल्स, और अन्य सांकेतिक भाषा सीखने के साधनों को सोशल मीडिया पर साझा करना महत्वपूर्ण होता है।
स्वतंत्र शिक्षक एप्लिकेशन्स विकसित करने के लिए जिन्हें विशेषकर भारतीय सांकेतिक भाषा सीखने में सहायक रूप में प्रदान किया जाता है। ये एप्लिकेशन्स छात्रों को रीयल-टाइम में संवाद करने का अभ्यास करने में मदद कर सकते हैं।
आउटोमेटेड सांकेतिक भाषा अनुवाद सिस्टम्स का उपयोग करने के लिए, जिससे बोली जाने वाली भाषा को सीधे सांकेतिक भाषा में अनुवाद किया जा सकता है।
ऑनलाइन कम्यूनिटी-बेस्ड पाठशालाएं बनाई जा सकती हैं जो भारतीय सांकेतिक भाषा सीख रहे छात्रों के लिए हों। NCERT तथा ISLRTC के सहयोग से कक्षा १ से लेकर कक्षा 8वी तक कि समपूर्ण पाठय पुस्तके सांकेतिक भाषा में अपलोड कर दिए गए है जिससे कि बधिर विद्यार्थी घर बैठे ही विडियो के माध्यम से ही पढाई कर सकते है इससे उन्हें एक आपसी समर्थन और साझागी भावना मिलती हैं।
ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग सांकेतिक भाषा सीखने में और सांकेतिक संवाद में सुरक्षा और गोपनीयता को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
विशेषकर भारतीय सांकेतिक भाषा के लिए सहायक तकनीकी उपकरणों का विकास करें, जैसे कि सांकेतिक भाषा को टेक्स्ट में अनुवाद करने वाले डिवाइसेस, स्मार्ट ग्लोव्स, या हैंडहेल्ड उपकरणों का उपयोग किया जाता है । इन नवीन तकनीकी उपायों का उपयोग करके हम भारतीय सांकेतिक भाषा को सीखने और समझने के लिए नए और सुधारित तरीकों को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जो छात्रों को अधिक सक्षम बनाने में मदद करेगा। भारतीय सांकेतिक भाषा में दिन प्रतिदिन नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है जिससे कि बधिर समुदाय के लोग सामान्य समुदाय के लोगों के साथ वार्तालाप करने में सहजता महसूस करते हैं, तथा साथ ही इन नई-नई उपकरणों के माध्यम से उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलती है और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ पाते हैं। तकनीकी की सहायता से वे जागरूक हो जाते है और समाज में होने वाली विभिन्न प्रकार की कुरीतियों से बच जाते है। तकनीकी उनकी जीवन शैली को आसान बना देती हैं, इसीलिए एक बधिर व्यक्ति के जीवन में सांकेतिक भाषा में तकनीकी का प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है इससे उनका जीवन सुगम बन जाता है।
प्रवीण कुमार जाट
सहायक प्राध्यापक
विशेष शिक्षा विभाग
शिक्षा संकाय
एसजीटी विश्वविद्याल, गुरुग्राम